Nahi Hun Un Jaisa Main .......
मैं जानता हु में नहीं हु उन जैसा
जैसे उसे पसंद ह
न मैं मसहूर हु दुनिया में
न मैं समझदार हु वैसा
बस प्यार हुआ उससे
और हो गया उसका
उसका किसी को प्यार से बोलना
नहीं होता मुझे गवारा कभी
फिर भी सुन लेता हु
उसके कड़वे शब्द सभी
क्या ये मेरी गलती है
की मुझे प्यार ह उससे
या ये खता है मेरी
की वो जिंदिगी ह मेरी
डरता हु दूर होने से उससे
और वो झट से करती है अलग
मानता हु गलत हूँ मैं
न हूँ उन जैसा जैसे उसे अछे लगते ह
लेकिन क्या कर मैं
डरता हू बस
उसके दूर जाने से
दूर जाने से ...........
जैसे उसे पसंद ह
न मैं मसहूर हु दुनिया में
न मैं समझदार हु वैसा
बस प्यार हुआ उससे
और हो गया उसका
उसका किसी को प्यार से बोलना
नहीं होता मुझे गवारा कभी
फिर भी सुन लेता हु
उसके कड़वे शब्द सभी
क्या ये मेरी गलती है
की मुझे प्यार ह उससे
या ये खता है मेरी
की वो जिंदिगी ह मेरी
डरता हु दूर होने से उससे
और वो झट से करती है अलग
मानता हु गलत हूँ मैं
न हूँ उन जैसा जैसे उसे अछे लगते ह
लेकिन क्या कर मैं
डरता हू बस
उसके दूर जाने से
दूर जाने से ...........
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